शीश शत्रु का खंडित कर..

माँ भारती के वीर सपूतों के जीवन का बस एक ही ध्येय है...
माँ भारती की शीश सदा गर्व से ऊँचा रहे  और भारत की यश पताका, हमारा ध्वज तिरंगा सदा सम्मानपूर्वक देश के सर्वोच्च शिखर पर लहराता रहे आन बान शान से...
इसी ध्येय को पूरा करने में मातृभूमि के ये वीर सपूत अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते इसीलिए ये भारत के हर व्यक्ति के हृदय में बसते हैं और इनके लिए हर मस्तक सम्मान में झुकता है..
जय हिंद, जय हिंद की सेना🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳



शीष शत्रु का खंडित कर हम
इक हुंकार भरेंगे।
चंदन से पावन आंगन को
सर्प विहीन करेंगे।

डगमग डगमग दिग्गज डोले
नभ यशगान सुनाए।
थरथर थरथर कांपे रिपु मन
पग जब शौर्य बढाए।्
सिंह समान गर्जना होगी
पत्थर हिय दहलेंगे।।

शीष शत्रु का खंडित कर हम
इक हुंकार भरेंगे।
चंदन से पावन आंगन को
सर्प विहीन करेंगे।

पुरवाई धर रूप प्रचंडी
रिपु से टकराएगी ।
भेड़ खाल में छिपे भेड़िये
धरा सतह लाएगी।
घर घर की फुलवारी में अब
देशभक्त उपजेंगे।।

शीष शत्रु का खंडित कर हम
इक हुंकार भरेंगे।
चंदन से पावन आंगन को
सर्प विहीन करेंगे।

रक्त धार से मातृभूमि का
भाल सुशोभित करते।
चक्र तिरंगा बड़े गर्व से
ओढ धरा पग धरते ।
शौर्य बढ़ेगा अब जिस पथ पर
गगन सुमन बरसेंगे।।

शीष शत्रु का खंडित कर हम
इक हुंकार भरेंगे।
चंदन से पावन आंगन को
सर्प विहीन करेंगे।

पूजा शर्मा "सुगन्ध"©®

Comments